Gold Price Surge : बिलासपुर। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, ब्याज दरों में संभावित कटौती और त्योहारी मांग के बीच सोमवार को सोना और चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। रायपुर सहित पूरे प्रदेश के सराफा बाजारों में निवेशकों और उपभोक्ताओं की हलचल बढ़ी हुई है। सोने की कीमतों में आई इस अप्रत्याशित तेजी ने जहां निवेशकों को उत्साहित किया है, वहीं परंपरागत व्यापारियों के माथे पर चिंता की लकीरें भी गहरी कर दी हैं।

वैश्विक उथल-पुथल से बढ़ी सुरक्षित निवेश की मांग
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो अमेरिका-चीन तनाव, मध्य पूर्व की भू-राजनीतिक अस्थिरता और फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की अटकलों ने निवेशकों को एक बार फिर सोना और चांदी जैसे सेफ-हेवन (सुरक्षित निवेश) की ओर मोड़ दिया है।विशेषज्ञों का मानना है कि इन कारकों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की मांग बढ़ी है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है। वरिष्ठ विश्लेषकों के अनुसार, ₹12,75,00 प्रति 10 ग्राम से ऊपर का स्तर सोने में मजबूत तेजी का संकेत देता है। हालांकि, उन्होंने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है क्योंकि मौजूदा स्तर पर मुनाफावसूली की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
धातु सपोर्ट स्तर, रेज़िस्टेंस स्तर
सोना (₹/10 ग्राम) ₹12,00,00 – ₹11,50,00 ₹12,75,00 – ₹13,15,00
चांदी (₹/किलो) ₹1,43,000 – ₹1,37,000 ₹1,58,000 – ₹1,62,000

स्थानीय बाजार में त्योहारी हलचल, लेकिन भ्रामक प्रचार से बचें
त्योहारी सीजन में खरीदारी में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन परंपरागत सराफा व्यापारियों का कहना है कि बड़ी कंपनियों के डिजिटल और थोक वर्चस्व ने उनके कारोबार को कठिन बना दिया है। छोटे और पुश्तैनी व्यापारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां ऑनलाइन माध्यम से झूठे ऑफ़र और भ्रामक प्रचार के जरिए ग्राहकों को अपनी ओर खींच रही हैं, जिससे स्थानीय बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

कमल सोनी बोले- यह स्वर्णिम अवसर, लेकिन संकट भी उतना ही बड़ा
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल सोनी ने कहा कि कल विश्व मानक दिवस पर भारतीय मानक ब्यूरो और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में एसोसिएशन को मंच साझा करने का स्वर्णिम अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा, हमें खुशी है कि मुख्यमंत्री और भारतीय मानक ब्यूरो की मौजूदगी में हमें अपने विचार रखने का मौका मिल रहा है। हमें उम्मीद है कि हमारी बात सुनी जाएगी और व्यापार के हित में ठोस निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी कंपनियों द्वारा अनुचित प्रतिस्पर्धा और मनमाने प्रचार-प्रसार से पारंपरिक व्यापारियों का अस्तित्व खतरे में है। इसलिए सरकार से उम्मीद है कि वह इस स्थिति में हस्तक्षेप करेगी।
मुख्यमंत्री से मुलाकात में उठेंगे ये प्रमुख मुद्दे
14 अक्टूबर को विश्व मानक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेगा। इस दौरान राज्य के पारंपरिक सराफा व्यापार को सशक्त और सुरक्षित बनाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
ये हैं मुख्य मांगें….
पारंपरिक सराफा व्यापार को राज्य संरक्षण नीति में शामिल किया जाए। राज्य में स्वर्ण आभूषण व्यापार के लिए स्वतंत्र नीति का गठन किया जाए। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मूल्य हेराफेरी और अनुचित प्रतिस्पर्धा पर रोक लगाई जाए। छोटे व्यापारियों के लिए ब्याजमुक्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

तेजी के बीच सावधानी बरतने का है दौर
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा आर्थिक हालात में जहां सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी निवेशकों के लिए अवसर का संकेत है, वहीं यह पारंपरिक व्यापारियों के लिए संघर्ष और असंतुलन का दौर साबित हो रहा है। छत्तीसगढ़ जैसे पारंपरिक बाजारों में जब सोने की चमक बढ़ती है, तो उसके साथ स्थानीय चिंता भी बढ़ जाती है। अब नज़रें कल होने वाली मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि प्रदेश सरकार इस पारंपरिक उद्योग की रक्षा के लिए कितनी गंभीर और सक्रिय है।
