बिलासपुर। जिले के लोफंदी गांव में कच्ची महुआ शराब पीने से बीते तीन दिनों में 8 ग्रामीणों की मौत हो गई, जबकि 5 से अधिक लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। अब तक 30 से ज्यादा लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा चुका है। घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और ग्रामीणों में आक्रोश है।
बता दें कि शुरुआत में जब 3 ग्रामीणों की मौत हुई, तो इसे सामान्य बीमारी मानकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन शुक्रवार देर रात 4 और फिर 1 की जान चली गई, जिससे प्रशासन हरकत में आया। इसके बाद ग्रामीणों ने यह खुलासा किया कि गांव में कई दिनों से महुआ शराब का सेवन हो रहा था।

गंभीर रूप से बीमार लोगों को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन मरीजों की मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम किए शव परिजनों को सौंप दिया गया। इसको लेकर प्रशासन पर मामले को दबाने के आरोप लग रहे हैं। इधर पुलिस के अधिकारी ने बताया कि 5 फरवरी को भोज कार्यक्रम हुआ था जिसकी वजह से तबियत बिगड़ी है। हालांकि पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट होगा कि आखिर मौत का कारण क्या है।
गांव में धड़ल्ले से बिक रही कच्ची शराब…
3500 से अधिक की जनसंख्या वाले लोफंदी गांव में लंबे समय से अवैध महुआ शराब का कारोबार जोरों पर चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को इसकी पूरी जानकारी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। राजेश कुमार यादव ने बताया, “यह घटना जहरीली शराब की वजह से हुई है, गांव में खुलेआम शराब बिक रही है। युवा और बच्चे तक इसकी चपेट में आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी कड़ी कार्रवाई नहीं की।”
प्रशासन की अलग कहानी, ग्रामीणों का इनकार
इधर, एएसपी राजेंद्र जयसवाल ने कहा कि गांव में 5 फरवरी को भोज कार्यक्रम हुआ था, जिसमें मछली परोसी गई थी और मौत की वजह इसे बताया जा रहा है। लेकिन ग्रामीणों ने इस दावे को पूरी तरह नकार दिया है और प्रशासन पर सच छुपाने का आरोप लगाया है।
इन लोगों की हुई मौत…
1. बबुआ देवांगन
2. दल्लू पटेल
3. रामू राम सुनहले
4. कोमल लहरे
5. कन्हैया पटेल
6. बलदेव पटेल
7. कुल्लू देवांगन
जांच की मांग, दोषियों पर कार्रवाई की अपील
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस पूरे मामले की गहराई से जांच करने और अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर प्रशासन पहले से ही इस अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाता, तो शायद आज ये 8 जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।