Masturi Firing Case : बिलासपुर। मस्तूरी गोलीकांड मामले में बिलासपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। SSP रजनेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने इस सनसनीखेज शूटआउट षड्यंत्र में शामिल दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें एक किशोर भी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि देवेश सुमन उर्फ निक्कु सुमन (24 वर्ष) निवासी मोहतरा और अकबर खान (53 वर्ष) निवासी शिव विहार, मोपका चौक, सरकंडा को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी गोलीकांड की साजिश में सक्रिय भूमिका में थे। इससे पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कांग्रेस के निष्कासित युवा नेता विश्वजीत अनंत, उसके भाई अरमान उर्फ बलमजीत, चाहत उर्फ विक्रमजीत, ब्रायनजीत उर्फ आरजू, तथा सहयोगी मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस और मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू शामिल हैं। (Masturi Firing Case)

आरोपियों से जब्त किया गया देशी कट्टा और जिंदा कारतूस
पुलिस ने जांच के दौरान अब तक 3 देशी पिस्टल, 2 देशी कट्टे, 6 मैगजीन, 5 जिंदा कारतूस, 13 खाली खोखे और 5 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। वहीं, हाल ही में पूर्व में गिरफ्तार आरोपी अरमान और चाहत की निशानदेही पर 1 देशी पिस्टल, 1 कट्टा और 1 जिंदा कारतूस अतिरिक्त रूप से बरामद किए गए हैं। (Masturi Firing Case)

जमीन विवाद और वर्चस्व की लड़ाई की वजह से हुई साजिश
मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत और कांग्रेस नेता नितेश सिंह ठाकुर के बीच जमीन विवाद और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से चल रही थी। इसी रंजिश के चलते विश्वजीत अनंत ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह हमला रचा। आरोपियों ने नितेश सिंह की रोजमर्रा की गतिविधियों की रेकी की और 28 अक्टूबर की शाम मस्तूरी जनपद कार्यालय के पास फायरिंग की, जिसमें नितेश सिंह के सहयोगी राजू सिंह और चंद्रकांत सिंह ठाकुर घायल हुए थे। (Masturi Firing Case)
SSP रजनेश सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीमों ने 100 से अधिक CCTV फुटेज खंगालते हुए कड़ी से कड़ी जोड़कर आरोपियों की पहचान की और उन्हें 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि मामले की विवेचना के दौरान संगठित अपराध की धारा 111 (BNS) भी जोड़ी गई है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है और पुलिस ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। यानी एंड टू एंड की कार्रवाई की बात कही जा रही है। (Masturi Firing Case)
