government scheme failure : सारंगढ़ (डेस्क) सरकार द्वारा चलाई जा रही आंगनबाड़ी योजनाएं बच्चों के पोषण, शिक्षा और समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। लेकिन जब इन योजनाओं का ज़मीनी स्तर पर सही ढंग से पालन नहीं होता, तो इसका सीधा असर उन मासूम बच्चों पर पड़ता है, जिनकी पूरी तरह से इन सेवाओं पर निर्भरता होती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है ग्राम- छुइहा (रानीगढ़) थाना बिलाईगढ़, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के एक आंगनबाड़ी केंद्र से, जहाँ भारी लापरवाही के चलते यह योजना पूरी तरह से विफल होती नज़र आ रही है।
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इन पर लगे गंभीर आरोप, बिना सूचना के भी अनुपस्थित !
इस केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमिला बंजारे और सहायिका विजयकुमारी पर आरोप है कि वे वर्षों से अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं हैं। कार्यकर्ता अक्सर बिना सूचना के अनुपस्थित रहती हैं और ड्यूटी समय में निजी कार्यों में व्यस्त देखी गई हैं। यह लापरवाही केवल एक-दो दिन की नहीं, बल्कि कई वर्षों से चली आ रही है। (government scheme failure)
लोग बोले – पांच साल से बंद पोषण योजना
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शिकायतकर्ता और ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच हरिवंश कुमार टंडन ने बताया कि पिछले पाँच वर्षों से इस केंद्र में बच्चों के लिए खाना नहीं बनाया गया है। एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि रसोई में धूल जमी है और पूरा परिसर वीरान है। हमारी टीम के औचक निरीक्षण में भी एक भी बच्चा केंद्र में मौजूद नहीं था।(government scheme failure)
लकड़ियों को अब दीमक खा रहे…
खाने के लिए जो लकड़ियाँ वर्षों पहले इकट्ठी की गई थीं, वे अब दीमक की भेंट चढ़ चुकी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि रसोई में कई सालों से कोई गतिविधि नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर, कार्यकर्ता ड्यूटी के समय निजी कामों के लिए बाहर चली जाती हैं और बिना सूचना के छुट्टी लेती हैं। इस पूरे मामले की शिकायत आंगनबाड़ी सुपरवाइज़र और पूर्व सरपंच द्वारा की जा चुकी है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।(government scheme failure)
बच्चों के अधिकारों का हनन
इस तरह की लापरवाही न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि उन गरीब बच्चों के अधिकारों का भी हनन है जिन्हें उचित पोषण और प्रारंभिक शिक्षा मिलनी चाहिए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल एक केंद्र की विफलता होगी, बल्कि पूरी योजना की साख पर सवाल खड़े करेगा। (government scheme failure)
