Illegal Registry : बिलासपुर। शहर के मैग्नेटो मॉल के सामने जूना बिलासपुर क्षेत्र में राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ से नगर निगम की कीमती जमीन पर एक महिला की निजी जमीन “दिखाकर” कब्जा कर लिया गया। मामले में सामने आया है कि एक भू-माफिया ने पहले उक्त जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा, फिर उसमें से हिस्सेदारी बेच दी।

दस्तावेजों के अनुसार, पटवारी हल्का नंबर 36 के खसरा नंबर 723 की भूमि लंबे समय से विवादित रही है। इस खसरे से लगी नगर निगम की दो खसरों वाली भूमि — एक 1200 वर्गफीट और दूसरा 35 वर्गफीट — राजस्व रिकॉर्ड में “रास्ता मद” के रूप में दर्ज है। बावजूद इसके, इस सार्वजनिक जमीन पर निजी स्वामित्व दर्शाकर कब्जा कर लिया गया। (Illegal Registry)
इस तरह की जमीन की हेराफेरी
आरोप है कि भू-माफिया अश्वनी यादव उर्फ पप्पू यादव ने उर्मिला उर्फ सुधा चौहान की 12 डिसमिल जमीन को (खसरा नंबर 723/208) नगर निगम की जमीन पर बिठवा लिया। इस भूमि की खरीद-बिक्री का सौदा 21 लाख रुपए में हुआ, और एक युवक को पावर ऑफ अटॉर्नी दिलवाकर उसी के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री अश्वनी यादव के नाम करा ली गई — वह भी बिना सीमांकन के। बाद में तहसील न्यायालय में सीमांकन हेतु आवेदन दिया गया, जिस पर तहसीलदार के आदेश के बाद आरआई और पटवारी की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया कि सुधा चौहान ने रास्ते की जमीन पर कब्जा किया है।(Illegal Registry)
फिर नक्शों में फेरबदल कर पेश किया फर्जी दस्तावेज
पटवारी द्वारा जारी पहले नजरी-नक्शे में जहां रास्ते की जमीन स्पष्ट रूप से चिन्हित थी, वहीं बाद में उसी नक्शे से “रास्ता” शब्द हटाकर नया नजरी-नक्शा तहसील न्यायालय में पेश कर दिया गया। इसी आधार पर अश्वनी यादव को जमीन पर स्वामित्व दिला दिया गया।फिलहाल, इस विवादित जमीन का एक हिस्सा दूसरे पक्ष को बेचा गया है, और उसका नामांतरण आवेदन बिलासपुर तहसील कार्यालय में लंबित है। (Illegal Registry)
