बिलासपुर। बिल्हा पुलिस ने चोरी के मामले का खुलासा करते हुए इस मामले में ज्वेलर्स दुकान महिला संचालिका और उसकी बहन और दो अन्य आरोपी पति पत्नी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है और अपनी पीठ को थपथपा रही है।
पर इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस चोरी का माल और नगद रकम को आरोपियों के पास से बरामद कर जब्त कर खुलासा भी कर दिया, लेकिन उसमें उस दुकान संचालक का नाम सामने नहीं लाई, जो इस माल को खपाने का जुगाड जमाता था, वहीं पुलिस भी घंटों पसीना बहाकर गीता ज्वेलर्स के यहां पूछताछ कर रही थी। आखिर पुलिस माल खरीदकर खपाने और इस बीच में इन आभूषणों को गलाने का काम करने वालों तक जिम्मेदार क्यों नहीं पहुंचे, क्योंकि बात तो एंड टू एंड तक की जाती है, पर यहां अधूरी कार्रवाई क्यों ? कहां हैं चोरी के आभूषण खपाने वाले, क्या उन्हें संघ का मिल रहा है संरक्षण।

खास बात यह है कि जहां पर इन आरोपियों के पास से लाखों रुपए नगद रकम सहित लाखों रुपए का सोने चांदी का जेवरात और घटना में प्रयुक्त दो कार को भी बरामद कर जब्त किया गया है, फिर भी खरीददार पर कार्रवाई क्यों नहीं ? या जो कारीगर है, जो इस माल को गला रहा था उसकी पूछ परख क्यों नहीं की गई, यह सवाल बार बार होंगे। क्योंकि सिर्फ चोरी करने वाले दोषी होंगे या फिर चोरी के आभूषण खपाने वाले भी दोषी होंगे ?
खुलासे में बिल्हा पुलिस ने दी यह जानकारी
फिलहाल बिल्हा पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार शिवशंकर ज्वेलर्स बिल्हा का संचालक प्रार्थी मनोहर जायसवाल निवासी बिल्हा द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि आरोपी संजना साहू, अपने अन्य महिला साथियों के साथ उनके दुकान में सोने चांदी का आभूषण खरीदने पिछले 02-03 वर्षो से आ रही हैं। जो व्यापार में लगातार हो रहे नुकसान पर आशंका होने पर उनके द्वारा दुकान में लगे सीटीटीवी कैमरा का अवलोकन करने पर संजना साहू द्वारा अपने अन्य महिला साथियो के साथ आभूषण चोरी करना पाया।

मुखबीर की सूचना के आधार पर आरोपियों को फिर खरीदी के बहाने प्रार्थी के दुकान के पास आने की सूचना पर घेरा बंदी कर पकड़ कर विधिवत पुछताछ करने पर मुख्य आरोपी ज्वेलर्स दुकान संचालिका संजना साहू द्वारा शिवशंकर ज्वेलर दुकान में अपने रिश्ते की ठकुरदेवा निवासी ममेरी बहन से बात चीत के दौरान जानकारी होने पर पिछले 02-03 सालो से खरीदारी करने जाना एवं अवसर पाकर सोने चांदी के आभूषण चोरी करना स्वीकार किए। इसके साथ साथ अन्य आरोपीयों ने भी जुर्म करना स्वीकार किये हैं।
लगभग 27 लाख रुपए के आभूषण और नकद जब्त
ज्वेलर्स दुकान संचालिका बहतराई बिलासपुर के निवासी हैं और राजकिशोर नगर में ज्वेलर्स दुकान संचालित है, जो खरीदारी के बहाने चोरी करने कार से आते थे। विवेचना के दौरान आरोपियों से घटना में प्रयुक्त सोने की आभूषण करीब 23 तोला सोना एवं 1.6 किलो ग्राम चांदी के आभूषण सहित बिक्री रकम 4,47000 रुपए जुमला किमती 26,83,230 रुपए का आरोपीयो के निशानदेही पर जब्त किया गया है। इसके साथ साथ घटना में प्रयुक्त दो नग कार भी जब्त किया गया हैं।

मुख्य महिला आरोपी संजना द्वारा चोरी का आभूषण पति द्वारा बाजार में बिक्री किया जाना बताई हैं। महिला आरोपी परस्पर रिश्तेदारी में बहन हैं। पुलिस इस मामले में संजना साहू उर्फ रेखा तिवारी पति संजू तिवारी उम्र 36 वर्ष। सीमा साहू पति गोलू साहू उम्र 30 वर्ष दोनो निवासी बहतराई थाना सरकण्डा जिला बिलासपुर छ0ग0 अनिता साहू पति कोमल साहू उम्र 25 वर्ष,कोमल साहू पिता सुखराम साहू उम्र 26 वर्ष दोनो आरटीओ आफिस लगरा के पास चैकी मोपका थाना सरकण्डा जिला बिलासपुर छ.ग.। इन सभी आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड हेतु भेजा गया। साथ ही अन्य संलिप्त आरोपीयों की पतासाजी कर शीघ्र गिरफ्तारी करने की बात पुलिस कह रही है।
चोरी का माल लगाने वाले को मिली कही से जड़ीबूटी
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस चोरी का माल और नगद रकम को आरोपियों के पास से बरामद कर जब्त किया गया इस खुलासा में बता रही है, लेकिन सूत्र (मुखबिर) से मिली जानकारी के अनुसार सरकंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चिंगराजपारा स्थित गीता ज्वेलर्स के संचालक राजू सोनी के पास लंबे समय से चोरी का माल इन आरोपियों के द्वारा खपाया जा रहा है। इन आरोपियों के पकड़े जाने के बाद चोरी के माल बरामद करने के लिए बिल्हा थाने की सीएसपी थाना प्रभारी अपने थाना स्टाफ के साथ एंटी सायबर क्राइम यूनिट के थाना प्रभारी और आरक्षक भी यहां देर शाम को दबिश दिए, जिसके बाद घंटों चोरी के माल को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामादुकान के ऊपर ज्वेलर्स दुकान संचालक के घर में चलता रहा। दुकान के बाहर पुलिस की खड़ी गाड़ियों को देखकर पूरे इलाके में कौतूहल का विषय बन चुका था। जानकारी यह भी मिली कि बड़े अफसर को संघ ने मामला शांत कराने को लेकर बात भी हुई है।
फिर धड़ल्ले से चल रही दुकान, 2 दिन भी नहीं रही बंद !
जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के बाद इसे बड़ी कार्रवाई बता रहा हैं, लेकिन यह कार्रवाई फुस्स निकली, क्योंकि चोरी के माल को खरीदने और लगाने वाले को संजीवनी बूटी दी गई और उसे गिरफ्तार न करके सिर्फ चोरी करने वालों को ही गिरफ्तार किया हुआ है। जबकि अपराध की दृष्टिकोण से देखा जाए तो चोरी करने वाला और माल को खरीदने वाला दोनों अपराधी होते हैं !
हालांकि अब देखना होगा कि इस कार्रवाई के बाद आगे भी पुलिस और कोई खुलासा करती है या फिर यह कार्रवाई यहीं थम जाती है। क्योंकि लगातार लंबे समय से चोरी करने वाले ये चोर अपना कोई ना कोई सिंडिकेट तो बनाकर रखे होंगे तब इतनी बड़ी घटना को अंजाम देते हैं !