बिलासपुर। शासकीय उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान इन दिनों सांस्कृतिक उत्सव के रस में सराबोर है। प्राचार्य प्रो. मीता मुखर्जी एवं सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. अजिता मिश्रा के मार्गदर्शन में चल रहे इस महोत्सव के दूसरे दिन मधुरम निकेतन ने अपनी उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।
दूसरे दिवस की शुरुआत मां दुर्गा की स्तुति से हुई, जिसे रेणुका पटेल, मेघा सोनटेके, योगेंद्र पयासी और उनके साथियों ने प्रस्तुत किया। इसके बाद राजस्थानी महिला लोकनृत्य ‘कालबेलिया’ को भारती, नीला सिदार और उनके साथियों ने मनमोहक ढंग से पेश किया।
हास्य और संगीत का संगम
कार्यक्रम में हास्य की फुहार अमर मलिक की मिमिक्री से हुई, जिसने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। संबलपुरी पुरुष लोकनृत्य ‘डोंगर राजा’ की प्रस्तुति अभिषेक रात्रे, चंद्रशेखर और उनके साथियों ने दी, जो दर्शकों के दिलों में छा गई।
क्लासिक तबला वादन में वेद प्रकाश पाटले ने अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। वहीं, नाटक ‘प्रज्ञा-अवतार’ के माध्यम से टिकम स्वर्णकार, वर्तिका जान, दीपक केरकेट्टा और उनके साथियों ने बुद्धि को सकारात्मक दिशा में लगाने का संदेश दिया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां रही आकर्षण का केंद्र
मीरा भजन की मधुर प्रस्तुति मेघा सोनटेके ने दी, जिसने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ माहौल को और जीवंत बना दिया। पुरुष लोकगीत ‘पुन्नी के चंदा’ को रूपेश चंद्रा, गोविंद राम, विनय ठाकुर, अश्विनी कांत और उनके साथियों ने अपनी सुरमयी आवाज़ में गाया।
सबसे खास प्रस्तुति ‘बड़े भाग्य से आए श्री राम…’ लोकगीत की रही, जिसे संगीता ठाकुर, मेघा सोनटेके और उनके साथियों ने प्रस्तुत किया। इस गीत ने पूरे परिसर को राममय बना दिया, और दर्शकों की तालियों की गूंज पूरे हाल में सुनाई दी।
समापन पर देशभक्ति का चढ़ा रंग
अंतिम प्रस्तुति ‘साथ चलें हम, साथ रहें हम…’ गीत की रही, जिसे प्रशिक्षार्थियों ने प्रस्तुत किया। इस गीत ने सभी को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
कार्यक्रम का संचालन विश्वनाथ यादव, सौखीलाल कुर्रे और सुशीला प्रधान ने किया। निर्णायक की भूमिका डॉ. ए. के. पोद्दार और सरिता आयदे ने निभाई। संगीत संयोजन कृष्णानंद चौबे, राजकुमार पांडेय और वेद प्रकाश पाटले ने किया। ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था डॉ. दुष्यंत चतुर्वेदी ने संभाली, जबकि मेकअप की जिम्मेदारी अतुल कांत खरे और अंजना खरे ने निभाई।
संस्थान के आचार्य करीम खान ने जानकारी दी कि इस महोत्सव में एम.एड. और बी.एड. के सभी प्रशिक्षार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।